पहाड़ों की गोद में सुकून का सफर
हम सबकी जिंदगी किसी न किसी दौड़ में उलझी हुई है। सुबह से शाम तक काम, जिम्मेदारियां और भागदौड़ हमें इतना थका देती हैं कि कभी-कभी खुद से मिलने का भी वक्त नहीं मिलता। ऐसे में अगर इंसान को असली सुकून चाहिए, तो उसे शहर की भीड़भाड़ से निकलकर पहाड़ों और प्रकृति की गोद में जाना चाहिए।
हाल ही में मुझे भी एक ऐसा मौका मिला जब मैं पहाड़ों की तरफ निकल पड़ा। मेरे पास बस एक बैग था, एक छड़ी और खुला मन। जैसे ही मैं ऊंचाई की ओर चढ़ाई करने लगा, मेरे कदम थोड़े भारी जरूर थे लेकिन दिल हल्का महसूस कर रहा था। रास्ते में हरी-भरी घास, जंगली फूलों की खुशबू और पंछियों की चहचहाहट – सब कुछ एक अलग ही अनुभव दे रहे थे।
जितनी ऊंचाई बढ़ती गई, उतनी ही ठंडी हवा और साफ नज़ारे सामने आने लगे। दूर से दिख रहा था एक छोटा-सा झील, जिसका पानी गहरा नीला और शांत था। ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने पहाड़ों के बीच एक अनमोल रत्न छुपा दिया हो। उस झील को देखकर मुझे एहसास हुआ कि प्रकृति कभी दिखावे में खूबसूरत नहीं होती, उसकी सादगी ही उसका असली आकर्षण है।
जब मैं उस जगह पहुंचा और चारों ओर देखा तो मन एकदम शांत हो गया। वहां न कोई शोर था, न मोबाइल की घंटी, न भागदौड़। सिर्फ हवा थी, आसमान था और पहाड़ थे। जिंदगी की असली खूबसूरती अक्सर इन्हीं साधारण पलों में छुपी होती है, जिन पर हम रोज़मर्रा की भागदौड़ में ध्यान ही नहीं देते।
हाइकिंग का सफर सिर्फ पैरों का नहीं होता, यह मन का भी सफर होता है। हर कदम पर थोड़ी थकान मिलती है, लेकिन उसी के साथ एक गहरी शांति भी। पहाड़ सिखाते हैं कि मंज़िल पाने के लिए धैर्य और मेहनत कितनी जरूरी है। हर चढ़ाई, हर मोड़ हमें और मजबूत बनाता है।
प्रकृति में समय बिताने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह हमें हमारी असली पहचान से जोड़ देती है। हमें याद दिलाती है कि इंसान कितना छोटा है और यह दुनिया कितनी बड़ी। शहर की कृत्रिम रोशनी और ऊंची इमारतों के बीच हम अक्सर यह भूल जाते हैं कि असली ताजगी तो पेड़ों की छांव, झरनों की आवाज़ और पहाड़ों की ठंडी हवा में है।
जब मैं वापस लौटा तो मुझे महसूस हुआ कि यह सफर सिर्फ एक ट्रिप नहीं था। यह आत्मा की एक यात्रा थी। इसने मुझे सिखाया कि कभी-कभी खुद को खोजने के लिए हमें प्रकृति के करीब जाना जरूरी है। वहां कोई दिखावा नहीं, कोई तनाव नहीं सिर्फ सुकून और सच्चाई।
आज भी जब मैं उस झील और पहाड़ों को याद करता हूँ, तो मन मुस्कुराने लगता है। जिंदगी की असली दौलत पैसे या चीजें नहीं, बल्कि ऐसे अनुभव हैं जो हमें हमेशा याद रहते हैं।
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