दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय क्षेत्रीय अकादमी उत्कर्ष का केंद्र है
दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय एक ऐसा अंतरराष्ट्रीय संस्था है जिसका स्थापना दक्षिण एशियाई देशों के बीच क्षेत्र एकता को बढ़ावा देने का उद्देश्य की गई है। भारत की राजधानी नई दिल्ली में स्थित या विश्वविद्यालय के आठ सदस्य देशों अफगानिस्तान बांग्लादेश भूटान भारत मालदीव नेपाल पाकिस्तान और श्रीलंका के सजा हाल है। विश्वविद्यालय का लक्ष्य उच्च शिक्षा अनुसंधान और संस्कृति आदान-प्रदान के माध्यम से दक्षिण एशियाई देशों को एग्जिट करना और सामूहिक रूप से क्षेत्रीय सामाजिक चुनौतियों का समाधान तलाशना। इसके साथ ही है संस्था वैश्विक स्तर पर ज्ञान और नवाचार में योगदान देने का भी कार्य करता है।
उत्पत्ति और दृष्टि
दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय का विचार वर्ष 2005 में सार्क शिखर सम्मेलन के दौरान सामने आया उसे समय क्षेत्रीय आयोजन को सिर्फ आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों तक सीमित रहकर शिक्षा अनुसंधान के माध्यम से आगे बढ़ने का निर्णय लिया गया इसी सोच से एक उत्कृष्ट केंद्र बनाने कल्पना की गई, जो सभी सदस्यों देश के समान अक्षर प्रदान करें और एक सजा पहचान की भावना को विकसित करें।
शैक्षणिक कार्यक्रम और अनुसंधान
दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय विभिन्न विषयों में डायरेक्टर इसके अकादमी कार्यक्रम में सामाजिक विज्ञान प्रकृति विज्ञान और मानव बिकी पर विशेष जोर दिया जाता है। इस विश्वविद्यालय में प्रमुख स्कूल और विभाग इस प्रकार है।
जैसे अंतरराष्ट्रीय संबंध, अर्थशास्त्र, पर्यावरणअध्ययन ,कंप्यूटर, सूचना विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी
इस पाठ्यक्रम को इस तरह तैयार किया गया है कि यहां शैक्षिक शिक्षा मानकों के अनुरूप हो और साथ ही दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय दृष्टिकोण को भी सम्मानित करें।
अतः विषय अनुसंधान पर जोर देता है और छात्रों को जलवायु परिवर्तन सतत विकास क्षेत्रीय सुरक्षा सार्वजनिक स्वास्थ्य और तकनीकी नवाचार जैसे विषय पर काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय नीति आधारित अनुसंधान को भी बढ़ावा देता है ताकि इसके निष्कर्ष और सरकारों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों को निर्णय लेने में सहायक हो सके।
क्षेत्रीय एकीकरण और संस्कृति वरदान प्रधान
इस यूनिवर्सिटी की सबसे बड़ी विशेषताएं क्षेत्रीय विविधता और प्रतिनिधित्व है प्रवेश प्रक्रिया प्रतिस्पर्डी और पारदर्शी है जिससे सभी सार्क देशों से छात्र शामिल हो पाते हैं इसी विविधता सी केवल शैक्षिक वातावरण स्मृति होता है ब्लैक छात्रों में अंतर संस्कृत संवाद और आपसी सामान का भावना विकसित होती है। विश्वविद्यालय समय समय पर सेमिनार कार्यक्रम संस्कृति उत्सव और छात्र विनियम कार्यक्रम आयोजित करता है इन आयोजन से छात्रों और अध्यापकों को एक दूसरे को परंपराओं और भाषा और अनुभव का साझा करने का अवसर मिलता है यह गति विद्या दक्षिण एशिया जैसे संवर्धनशील क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम रखना महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
चुनौतियां और अवसर हालांकि इस दृष्टि उपलब्धियां सराहनीय है इसे चुनौतियों का सामना करना पड़ता है जैसे मैं राजनीतिक तनाव प्रशासनिक अड़चनें, वित्तीय चुनौतियां।
इसके बावजूद भी विश्वविद्यालय इन चुनौतियों को अवसरों में बदलने को क्षमता रखता है संवाददाता और सहयोग के लिए एक तटस्थ मंच के रूप में कार्य करके लोगों को बीच संबंध मजबूत करता है विश्वविद्यालय का अनुसंधान जल बंटवारे पलायन आर्थिक असमानता और पर्यावरण ने संकट जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर सकारात्मक योगदान दे सकता है।
भविष्य की संभावना है आने वाले वर्ष में दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय का लक्ष्य है जैसे में शैक्षणिक कार्यक्रम का विस्तार, अनुसंधान उत्पादन में वृद्धि ,वैश्विक संस्थाओं और विश्वविद्यालय से साझेदारी प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा और उधमिकता को बढ़ावा 21वीं साड़ी में जाटों को देखते हुए दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय पर विशेष ध्यान दे रहा है यह विश्वविद्यालय में केवल क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करेगा बालिक वैश्विक स्तर प्रदर्शन एशिया की पहचान को भी बढ़ावा बनाएगा।दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय दक्षिण एशिया में सहयोग शांति प्रतीक है।
यहां केवल शिक्षा का केंद्र नहीं बलिक की पृष्ठभूमियों से आए छात्रों और विद्वानों के बीच आपसी समझ और सजा पहचान बनाने का मंच भी है आज दुनिया में जहां क्षेत्रीय सहयोगी का भूमिका लगातार बढ़ रही है यह साबित करता है कि शिक्षा शांति और विकास और आपसी समझ को बढ़ावा देने का सबसे प्रभावी माध्यम है ।

0 टिप्पणियाँ