1.अमेरिकी डॉलर में बड़ी कमजोरी और शटडाउन का डर
सोने की कीमत में इतनी बड़ी तेजी की सबसे मुख्य वजह अमेरिका की आर्थिक और राजनैतिक नीतियां मानी जा रही हैं।
डॉलर इंडेक्स में बड़ी गिरावट: अमेरिकी डॉलर इंडेक्स इस साल 9.51% नीचे गिर चुका है, जो 2017 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। यह इंडेक्स अपने 3 साल के उच्चतम स्तर 110.18 से गिरकर आज 98.20 पर कारोबार कर रहा था। डॉलर में कमजोरी सीधे तौर पर सोने को मज़बूती देती है।
अमेरिका में शटडाउन: अमेरिका में जारी
शटडाउन के कारण कई सरकारी सेवाएँ प्रभावित हुई हैं। इस अनिश्चितता ने ग्लोबल स्तर पर मंदी और महंगाई के सेंटिमेंट को बदल दिया है। निवेशक जोखिम से बचने के लिए डॉलर से निकलकर सुरक्षित निवेश (Safe Haven)
गोल्ड की ओर जा रहे हैं।
2.सेंट्रल बैंक की नीतियां और वैश्विक भू-राजनैतिक तनाव (Geopolitical Tensions)
गोल्ड की चमक बढ़ाने में केंद्रीय बैंकों की नीतियों और अंतर्राष्ट्रीय तनाव का भी बड़ा हाथ है।
ब्याज दर में कटौती: सेंट्रल रिजर्वेशन की अक्टूबर महीने की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद ने भी पीली धातु की चमक बढ़ा दी है। जब ब्याज दरें घटती हैं, तो सोने जैसे गैर-उत्पादक (Non-Yielding) एसेट्स में निवेश आकर्षक हो जाता है।
भू-राजनैतिक तनाव: विभिन्न देशों के बीच बढ़ते जियो-पॉलिटिकल तनाव भी गोल्ड में तेजी की एक बड़ी वजह है। तनाव के समय गोल्ड को सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है।
3.MCX पर रिकॉर्ड तोड़ भाव और घरेलू मांग
घरेलू बाज़ार में भी सोने की मांग और भाव दोनों ही आसमान छू रहे हैं।
MCX पर उछाल: आज MCX पर सोने का भाव ₹1,02,900 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुँच गया, जो पिछले भाव (₹1,02,249) से ₹651 प्रति 10 ग्राम मजबूत हुआ है।
त्योहारी सीजन: देश में त्योहारी सीजन की खरीदारी भी गोल्ड की बढ़ती मांग का एक प्रमुख कारण है। धनतेरस और दिवाली से पहले लोग बड़े पैमाने पर खरीदारी करते हैं, जिससे गोल्ड के दाम को और भी बल मिलता है।
सारांश: सोने की इस रिकॉर्ड तेजी के पीछे अमेरिका की आर्थिक अनिश्चितता, डॉलर में गिरावट, वैश्विक तनाव और घरेलू त्योहारी मांग का एक मजबूत मिश्रण काम कर रहा है।
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