CGHS की 2000 से अधिक मेडिकल प्रक्रियाओं की दरों में बड़ा संशोधन, 13 अक्टूबर से होगा लाग
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (CGHS) के तहत आने वाली 2,000 से अधिक मेडिकल प्रक्रियाओं की दरों में बड़ा संशोधन किया है। यह फैसला निजी अस्पतालों और केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों दोनों के लिए एक बड़ी राहत है। यह संशोधन 13 अक्टूबर से लागू होगा।
यह बदलाव स्वास्थ्य क्षेत्र के लाभार्थियों और सेवा प्रदाताओं (अस्पतालों) की लंबे समय से चली आ रही मांगों को पूरा करता है। इस संशोधन से स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता और पहुँच दोनों में सुधार की उम्मीद है, साथ ही रिश्तेदारों को भुगतान और रिफंड से जुड़ी समस्याओं में भी काफी कमी आएगी।
अस्पतालों की गुणवत्ता के आधार पर भुगतान
संशोधित दरों के तहत, अब अस्पतालों को उनकी मान्यता और गुणवत्ता (Accreditation and Quality) के आधार पर भुगतान किया जाएगा।
NABH और NABL मान्यता:
- जिन अस्पतालों के पास NABH (National Accreditation Board for Hospitals) और NABL (National Accreditation Board for Testing and Calibration Laboratories) की मान्यता होगी, उन्हें उच्च दर पर भुगतान किया जाएगा।
- यह सुनिश्चित करेगा कि मरीज सुरक्षा, इलाज की गुणवत्ता और तकनीकी दक्षता उच्च मानकों पर हो।
गैर-मान्यता प्राप्त अस्पताल:
gर-मान्यता प्राप्त अस्पतालों को 15% कम भुगतान मिलेगा।- सुपर स्पेशलिस्ट अस्पतालों को 15% की अतिरिक्त दर दी जाएगी।
शहरों और वार्ड श्रेणियों
सुपर स्पेशलिस्ट अस्पतालों को 15% की अतिरिक्त दर दी जाएगी।
इस तरह, इलाके और अस्पताल के अनुसार लागत के आधार पर भुगतान तय किया जाएगा।
शहरों और वार्ड श्रेणियों के अनुसार दरों में अंतर
नई दरें सरकारी अस्पताल के वार्ड श्रेणी और शहरों के वर्गीकरण के अनुसार अलग-अलग होंगी।
शहर/वार्ड श्रेणीभुगतान दर
मेट्रो शहर: (जैसे दिल्ली, मुंबई)वर्तमान दर पर
टियर-2/टियर-3 शहर:सूची पर निजी अस्पतालों की दर10%
कमअन्य छोटे शहर: सूची पर निजी अस्पतालों की दर 20% कम
यह वर्गीकरण सुनिश्चित करेगा कि छोटे शहरों में लाभार्थियों को उचित दरों पर इलाज मिल सके, साथ ही निजी अस्पतालों को भी न्यायसंगत भुगतान हो।
लाभार्थियों और अस्पतालों दोनों को राहत
CGHS लाभार्थी लंबे समय से शिकायत करते रहे हैं कि निजी अस्पताल अक्सर कैशलेस इलाज से इनकार कर देते थे, जिसके कारण उन्हें पहले खुद भुगतान करना पड़ता था और बाद में रिफंड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था।
दूसरी ओर, अस्पतालों का कहना था कि गंभीर बीमारियों के इलाज की दरें पुरानी थीं और उनकी वास्तविक लागत को पूरा नहीं करती थीं।
इस बड़े संशोधन से उम्मीद है कि लाभार्थियों को समय पर और कैशलेस इलाज मिलेगा, और अस्पताल भी अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। यह अब तक का सबसे बड़ा संशोधन माना जा रहा है, जो स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और न्यायसंगत बनाएगा।
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